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कुछ तो कर

कुछ तो कर ऐसा खुदाया उनके साथ
डर के वो आ जाएँ मेरी बांहों में
राह भटका दे उन्हें वो भूल से
ख़ुद-ब-ख़ुद आ जाएँ मेरी राहों में

कुछ तो कर..............................

चलते चलते रुक रहे उनके कदम
लग रही है मेहंदी उनके पाँव में
पांवों में उनके ना छले पड़ सकें
आने देना उनको ठंडी छाओं में

कुछ तो कर..........................

उनका पत्थर दिल पिघल जाए खुदा
भर असर ऐसा मेरी भी आहों में
फूल बरसायें बहारें झूमकर
जश्न हो जाए मेरे भी गाँव में

कुछ तो कर.............................


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जाने कौन ज़माना हो कल, जाने कहाँ ठिकाना हो
मिलने को ना तरस जाएँ हम आज ही हमसे मिल जाओ
गर्ज़ नहीं हमसे ग़र कोई बेशक कोई बहाना हो
मतलब तो है मिल जाने से आज ही हमसे मिल जाओ


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