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स्वप्न; एक प्रश्न


स्वप्न; एक प्रश्न 


मैं  वर्तमान में मृत
या अजन्मा हूँ
और भविष्य में जी रहा हूँ
और तुम
मेरे लिए तुम्हारा जीवन शाश्वत है
या तो मैं,
अपने शरीर से विलग
भटकती आत्मा हूँ
जिसे तुम
अपनी बांहों में पाने में असमर्थ हो
या, मैं ही तुम्हें अपने स्वप्न से विलग कर
अपने आलिंगन में नहीं भर सकता
सत्य क्या है?
मुझे समय चाहिए
अर्थ समझने के लिए
अपने स्वप्न का.


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मयूर नाच रहा है


मयूर नाच रहा है 

मयूर नाच रहा है 
"यक्ष" पुकार रहा है
टप टप टप टप बूँदें गिर रही हैं
बादल का सीना भीषण आवाज़ के साथ 
फट गया है
वाह रो रहा है
आसमान मौन है
ओह! सूरज ने भी आँखें मींच ली हैं
मयूर नाच रहा है..................

पवन शोक विव्हल 
वियोग रागिनी गा रहा है
घटाओं ने मातमी चादर ओढ़ ली है
पपीहा पी पी पुकार रहा है 
मयूर अब भी नाच रहा है...............


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