किसे खोजता हूँ मैं कबसे भटकता
किसके लिए मेरा दिल है दीवाना
कहाँ खो गई वो कहाँ से बिछुड़ कर
है ये राज़ अब तक जो मैंने ना जाना
वादा किसी से कभी कुछ किया था
अब भी है चाहत उसी से मिलन की
निभाया है हमने तो अपना ये वादा
उसको भी है अपना वादा निभाना
बहुत देर कर दी कहाँ छिप गई वो
प्रतीक्षा में हमने तो बरसों बिताये
मिलेंगे उसी से गँवा कर ये जाँ भी
मिलने ना दे हमको चाहे ज़माना
कभी कल्पना में कभी ख्वाब बनकर
वो आई मेरी जिंदगी में हमेशा
इसी आस पर जी रहा हूँ अभी तक
वो अब आ रही है उसे अब है आना
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कच्चे धागे से बंधे चले आयेंगे हुज़ूर कच्चे धागे से
प्यार के नशे में चले आयेंगे हुज़ूर भागे-भागे से
ये प्यार का बंधन है ना तोड़ सका कोई
इस बहते दरिया को ना मोड़ सका कोई
एक बार प्यार करके ना छोड़ सका कोई
नींद उड़ जायेगी , तब आयेंगे हुज़ूर जागे जागे से
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