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आपके नज़दीक

आपके नज़दीक आने का बहाना चाहिए
जिसमें बुन लूँ आपको वो ताना बाना चाहिए

दोस्त जिसमें तुम ही तुम हो और तुम्हारी बात हो
और तुमको ही सुनाऊं वो तराना चाहिए,
आपके नज़दीक............

कैसी जिद है आपकी कुछ सोचकर तो बोलिए
इश्क-ए-हकीकी या मिज़ाजी है अजी कुछ खोलिए
सामने मैं हूँ मगर तुमको दीवाना चाहिए.
आपके नज़दीक...............

जाम-ए-उल्फत पीते पीते पी गए आब-ए-हयात
मैं समाऊं आप में करते हो क्यूँ छोटी सी बात
अब तो जानम आपको मुझमें समाना चाहिए
आपके नज़दीक....................

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दिल की मजबूरी सही जाती नहीं
तुझसे अब दूरी सही जाती नहीं
लब तलक आती है दिल की बात तो
हाय! क्यूँ फिर भी कही जाती नहीं