कितनी पी है जनाब मत पूछो
अब भी जीवन में प्यास है बाकी
दिल मेरा तूने कितना बहलाया
दिल तो अब भी उदास है साकी
अब भी कोई कमी है जीवन में
गम मेरे आस पास है साकी
गम मुझे जान से भी प्यारा है
गम में कोई मिठास है साकी
यूँ तो कोई नहीं है पास मेरे
पर कोई दिल के पास है साकी
किसकी आती है याद रह रह कर
इसकी क्या वजह ख़ास है साकी
किसको मैं ढूंढता हूँ ख़्वाबों में
मुझको किसकी तलाश है साकी
कब हकीकत में ख्वाब बदलेगा
मुझको अब भी क्यूँ आस है साकी
कितनी पी है................
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आज कैसे रोक पाऊंगा प्रिये
अपनी जुबाँ को
आज गाना चाहता है दिल
कोई गम का तराना.
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