रह ना सकोगे दूर ह्रदय से तुम कितनी भी दूर रहो
पास नहीं आते ना आओ , बेशक यूँ मगरूर रहो
एक दिन तो तुम्हें मेरी भी याद सताएगी
बैठोगे अगर तनहा तो तुमको रुलाएगी . एक दिन............
वो बीते हुए लम्हे जो साथ मेरे गुजरे
ख़्वाबों की शकल लेकर, पलकों में समायेंगे
वो प्यार भरे नगमे जो साथ मेरे गाये
दे दे के सदा तुमको नींदों सर जगायेंगे
जब चांदनी सीने में एक आग लगायेगी. एक दिन...............
जब रात यूँही सारी पलकों में गुजारोगे
बहते हुए अश्कों को आँचल में उतारोगे
कुछ बोल ना पाओगे पर दिल से सदा देकर
मौन की भाषा में फिर मुझको पुकारोगे
तब रूह मेरी तुमको , सीने से लगायेगी
एक दिन........................................................
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किसी के ख्यालों में खुद को भुलाकर
मैं गाता हुआ कुछ कहे जा रहा हूँ
ये टूटा हुआ दिल ना शीशा बने फिर
मैं टुकडों के टुकड़े किये जा रहा हूँ.