देखिये और ना बेगाना समझिये हमको
प्यार से देखिये , दीवाना समझिये हमको
हमसे अब छोड़ भी दो शर्म-ओ-हया जान-ए-जिगर
शम्मां हैं आप तो परवाना समझिये हमको
जो सुराही के लिए छान रहा मैखाने
प्यासा भटका हुआ पैमाना समझिये हमको
जिसको अल्लाह ने भेजा है तुम्हारी खातिर
वो ही नाचीज़ सा नजराना समझिये हमको
जिसमें राधा का कन्हैया से मिलन होता है
उससे मिलता हुआ अफसाना समझिये हमको
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तस्वीर तेरी दिल में छुपाये हुए हैं हम
अरसे से तुझको अपना बनाए हुए हैं हम
नज़रें उठा के तू कभी देखेगी इस तरफ
बरसों से यही आस लगाए हुए हैं हम
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मेरा http://swapnyogesh.blogspot.com/ ब्लॉग भी देखें.
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मेरा http://swapnyogesh.blogspot.com/ ब्लॉग भी देखें.
7 टिप्पणियाँ:
bahut hi sundar rachna.
is diwaane ki rachna achhi lagi... ultimate...
swapn ji namaskaar,
bahut dino baad aap ki rachnaa padhi,aanand aa gayaa....waah....badhaai....aur aap kaise hain aajkal....
तस्वीर तेरी दिल में छुपाये हुए हैं हम
अरसे से तुझको अपना बनाए हुए हैं हम
नज़रें उठा के तू कभी देखेगी इस तरफ
बरसों से यही आस लगाए हुए हैं हम
mujhe to ye rachna bahut pasand aai .sundar
वाह भाई बधाई ।
शरद कोकास "पुरातत्ववेत्ता " http://sharadkokas.blogspot.com
जिसमे राधा सा कन्हैय्या सा मिलन होता है ..............
आपकी शयिरी, कविता में प्रेम भाव के बेहतरीन दर्शन हुए !
तस्विर तेरी दिल में छुपाये हुए हैं हम
अरसे से तझको अपना बनाए हुए हैं हम
बहुत अच्छी
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