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मेरे ख़्वाबों को..................................

मेरे ख्वाबों को हकीकत में बदलने वाले
मेरे हमराज़ मेरे साथ में चलने वाले

हमसफ़र साथ में चलना ना कहीं खो जाना
मेरे अपने, तू कहीं गैर नहीं हो जाना
प्यार की लौ में मेरे साथ में जलने वाले
मेरे ख़्वाबों को..................................

दूर मंजिल है तो क्या , तू है तेरा साथ तो है
मेरे हाथों में मेरे दोस्त तेरा हाथ तो है
ठोकरें खा के मेरे साथ संभलने वाले
मेरे ख़्वाबों को................................

साथ में तू है अगर मेरे, मुझे क्या गम है
तेरा हमराह हूँ , ये मेरे लिए क्या कम है
मेरे गीतों पे मेरे साथ मचलने वाले
मेरे ख़्वाबों को................................


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एक गीत तुम्हारे आने का, एक गीत तुम्हारे जाने का
एक गीत तुम्हारे रोने का , एक गीत तुम्हारे गाने का
एक गीत लिखा है खुशियों का, एक गम का गीत लिखा मैंने
एक गीत लिखा है मधुबन का , एक गीत लिखा वीराने का

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www.swapnyogesh.blogspot.com  par "स्वप्न" "dream " भी देखें

9 टिप्पणियाँ:

निर्मला कपिला ने कहा…

साथ में तू है अगर मेरे, मुझे क्या गम है
तेरा हमराह हूँ , ये मेरे लिए क्या कम है
मेरे गीतों पे मेरे साथ मचलने वाले
मेरे ख़्वाबों को................................
बहुत सुन्दर गीत है बधाई

संजय भास्‍कर ने कहा…

bahut hi sunder likha hai



sanjay
haryana

संजय भास्‍कर ने कहा…

kabile tarif



sanjay
haryana

vandana gupta ने कहा…

bahut badhiya.

M VERMA ने कहा…

साथ में तू है अगर मेरे, मुझे क्या गम है
तेरा हमराह हूँ , ये मेरे लिए क्या कम है
वाकई जब हमराह तो तो किस बात का गम
बहुत खूब

ज्योति सिंह ने कहा…

bahut sundar geet
साथ में तू है अगर मेरे, मुझे क्या गम है
तेरा हमराह हूँ , ये मेरे लिए क्या कम है
मेरे गीतों पे मेरे साथ मचलने वाले
मेरे ख़्वाबों को................................

Puneet Sahalot ने कहा…

Namastey uncle...

bahut hi achha geet hai..
or blog template bhi achhi lagi... :)

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

बहुत ही बढ़िया गीत है.
पढ़ कर सुकून मिला..

बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

girish pankaj ने कहा…

aapke bhajan, dohe, geet sab k sab ati sundar hai. inme dararshan ki bahulata dekh kar khushi hui. badhai. aise stareey lekhan k liye.miljul kar is samaj me nai bauddhik chetana ka mahaul aap jaise lekhak hi banayenge.dinkar mere bhi aadarsh rahe hai.

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