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सूक्ष्म

सूक्ष्म

सूक्ष्म का विस्तार
और सागर में भंवर
अद्रश्य, द्रश्य और अद्रश्य
जीवन के स्वर
बिन्दुओं के अनेकों बिम्ब
प्रतिबिम्ब
पुनः डिम्ब
अवलंबित का आधार
निराधार
निराधार का विस्तार
विश्वाधार
अनंत का शैशव अंत 
अंत कि किलकारी मृत्यु
किलकारी का स्वर
मृत्यु-पर्यंत गर्भायु
और अनंत दर्शन
अनंत का अटूट बंधन
सौंदर्य बोध मधुबन
सूक्ष्म का संकुचन
और अनंत विहार.


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