यह मधुकर कि गूँज है
या, आह कोई भरता है
यह विधि प्रदत्त उपहार है
या, बेमौत कोई मरता है
यह शिशिर ऋतू का समय है
या सूख गई है डाली
शशि को मेघों ने ढांप लिया
या रजनी मावस की काली
यह बिजली की है चमक दमक
या शोले जलते हैं
यह सावन की बौछार है
या अश्रु झरते हैं
यह पायल की झंकार है
या कंगन फूट रहे हैं
यह क्षणिक विदाई का पल है
या रिश्ते टूट रहे हैं
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विश्वास नहीं होता मुझको मैं जिंदा हूँ
अहसास मुझे कर लेने दो मैं जिंदा हूँ
1 टिप्पणियाँ:
bahut hi gahan bhav samete hai.
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